Maulana Azad, List of Muslim Members for Interim Government
अंतरिम सरकार के लिए मुस्लिम सदस्यो की सूची करने के लिए देर कर रहे है
सरदार पटेलने यह बात की जानकारी २० अगस्त, १९४६ को गांधीजी को पत्र के द्वारा दी।
श्रद्धेय बापु,
कल वाइसरोय को अपने विचारोंंसे अवगत कराने के बाद हम लोगोंं को तुरंत ही उनका एक पत्रोत्तर मिला, जिसमें सूचित किया गया है कि आज के समाचार-पत्र में जिन्ना के साक्षात्कार को पढने के बाद बातचीत के लिए उन्हें आमंत्रित करने का कोई अर्थ नही है। इस प्रकार यह अध्याय किसी प्रकार समाप्त हुआ। परंतु अपनी और, हम लोगों को अभी भी पांच मुसलमान सदस्योंं की सूची तैयार करनी है। हम लोगोंने इस विषय पर पुन: विचार किया है और आसफ अली, शफात अहमद, अली जहीर, और फजलुल हक के बारे में निर्णय लिया गया है। अब कैवल एक नाम ही निश्चित करना बाकी रह गया है। आसफ का नाम भी आज उनके यहां पहुचने के बाद उनकी स्वीकृति पर निर्भर है। इस प्रकार मौलाना का काम यथा-रीति लटक रहा है। अब तक यह विषय यहां तक पहुचां है, किंतु आश्चर्य नही होगा, यदि कल या परसों इसमें कुछ परिवर्तन हो जाए।
एक और नई बात हुई है। मौलाना भी दुविधा में है कि एक सदस्य के रूप में शामिल हो या नहीं। किंतु वह कहते हैं,"मैं पांच मुस्लिम सदस्यो में से एक के रूप मेंं शामिल नही होउंगा। क्या मुझे कोंग्रेस कोटा से शामिल नही किया जाना चाहिए?" मैं इससे सहमत नही हुआ, क्योंकि इससे नई समस्याए उत्पन्न हो सकती है। मैंने उनसे इस विषय पर पुन: विचार करने के लिए तर्क किया है। किंतु उन्होने संकेत दिया कि"तब वह सरकार में शामिल होने के बजाय कोंग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी लेना चाहेंगे।" मैंने कहा, "आपका स्वास्थ्य ठीक नही रहता।" फिर भी वह उसी बात पर बने रहे। यह विषय हम लोगों के सामने एक समस्या के रूप में आ सकता है।
वल्लभभाई का प्रणाम
- जिन्ना का प्रेस का साक्षात्कार : जिन्ना ने १८-०८-४६ को प्रेस मे कहा कि "लीग की तरफ से असहयोग था" कहने कि बजाय यह कहते है कि "मुस्लिम लीग समर्पण करने के लिए तैयार नही था"
- शफात अहमद खान - भारत के उच्चायुक्त, राउंड टेबल कॉन्फरंस के सदस्य
- सैयद अली जहीर - ईरान में भारत के राजदूत
- फजलूल हक - बंगाल के मुख्यमंत्री
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